हरिद्वार जनवरी 20 ;कुल भूशण षर्मा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समाजसेवा के लिए समर्पित संस्था सुप्रयास कल्याण समिति के तत्वावधान में निर्धन निकेतन स्थित ऋषि संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में इतिहास विषयक कार्यशाला का आयोजन संस्कृत छात्रों द्वारा वेदमंत्रों सहित सरस्वती वंदना कर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया जिसमें एक सौ अधिक बच्चों ने जीवन में उन्नति के लिए अपने अतीत तथा भविष्य के लिए विशेष जानकारियां साझा कर ज्ञानवर्द्धन किया।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित करते हुए गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के इतिहासज्ञ डॉ. देवेन्द्र गुप्ता ने कहा कि जीवन की स्वर्णिम उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए इतिहास ज्ञान की अत्यन्त आवश्यकता है, बिना अतीत से सीखे व्यक्ति भविष्य की मजबूत बुनियाद नहीं बना सकता। इतिहास को अतीत से गौरवान्वित करने वाली विधा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज एवं उनकी दीक्षाएं वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी हैं। उन्होंने इतिहास अध्ययन में आने वाली समस्याओं से छात्रों एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं का संवाद के माध्यम से समाधान किया। गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में इतिहास की शोध अध्येता श्रीमती किशा शंकर ने विद्यार्थियों को ऐतहासिक स्थलों एवं विश्व धरोहर स्थलों का भ्रमण, व्यवहार एवं उनके दीक्षाओं से सम्बन्धित व्यवहार की स्लाइड शो के माध्यम से जानकारी दीं। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय के जिला हरिद्वार की वन स्पाट सेन्टर की काउन्सलर डॉ. अनुसूइया त्यागी ने महिलाओं एवं छात्राओं से की जाने वाली छेड़छाड़ का विरोध व बचाव की जानकारी दी। ऋषि संस्कृत महाविद्यालय के प्रचार्य डॉ. भरतनन्दन चौबे ने सभी छात्र-छात्राओं से मोबाइल पर आधारित न रहकर निरन्तर एकताग्रतापूर्वक अध्ययन का आवाह्न किया।
अंत में संस्थाध्यक्ष राजेन्द्रनाथ गोस्वामी व महामंत्री डॉ. सत्यनारायण शर्मा ने सभी अतिथि एवं छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए अध्ययन में अग्रणी रहने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. भरतनन्दन चौबे तथा संचालन कौशल किशोर मित्तल एवं श्रीमती इन्दू बलूनी ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर सरदार परमजीत सिंह चावला, आचार्य दिनेश पांडेय, मुकेश वार्ष्णेय, जितेंद्र बोस, तारादत्त अवस्थी, अनिरुद्ध पोरवाल, सोमित डे, श्रीमती कामना गोयल, श्रीमती नीतू तिवारी, श्रीमती सीमा मित्तल, श्रीमती शिल्पी गोयल, श्रीमती रीतू गुरूरानी, श्रीमती रेखा भट्ट, श्रीमती चित्रा पाराशर, श्रीमती रश्मि पंचभैया, देशरत्न बहुखंडी सहित छात्र-छात्राओं में कु. भव्या मित्तल, संज्ञा पाराशर, अमित थपलियाल, जीवन जोशी, नवदीप शर्मा, नीतीश द्विवेदी, ललित शर्मा, मुकेश पोखरियाल, आयुष जोशी, सुबोध मेंदोला, गौरव धस्माना, सूरज तिवारी, शंकर जोशी, जतिन शर्मा, निखिल उपाध्याय, विपिन कश्यप, हरिनारायण, राधा जोशी, दीपांशी गोयल, नियु तिवारी, रणवीर चौहान, शिवानी शर्मा, मोनिका शर्मा, लक्ष्मी, अंशुमान भट्ट आदि शामिल रहे।
जीवन में इतिहास ज्ञान की अत्यन्त आवश्यकता: डॉ. देवेन्द्र गुप्ता